Osho Speech In Hindi
खुश रहना आपका अधिकार
प्रत्येक मानव में शक्ति का असीमित भंडार है, जो दुनिया की किसी भी समस्या को खत्म कर सकता है। जिस दिन आपको अहसास होगा कि आपका मस्तिष्क आपकी सभी समस्याओं को हल कर सकता है तो तभी यह आपके शरीर को स्वस्थ कर सकता है, आपके सबसे प्रिय सपने से कहीं आगे आपको ले जा सकता है। इस तरह के स्पष्ट अहसास से आप अपनी सभी कमियों को दूर कर सकते हैं और इसके फलस्वरूप आपके जीवन में सच्ची और हमेशा रहने वाली खुशियां आएंगी।
आपको बहुत खुशी हुई होगी, जब आपका बच्चा पैदा हुआ। जब आपकी ऐतिहासिक जीत हुई अथवा पुरस्कार मिला था, तब आप बहुत खुश हुए होंगे। जब आपकी सगाई सबसे सुंदर लड़की या सबसे सुंदर युवक से हुई थी, तब भी आप खुश हुए होंगे जब आपके पास इस तरह के कई अनगिनत अवसर आए होंगे, तब आप बहुत प्रसन्न हुए होंगे। इसके बावजूद कि ये अनुभव कितने भी अद्भुत क्यों न रहे हों, वे आपको हमेशा बनी रहने वाली खुशियां नहीं देते।
ये सब कुछ समय के लिए होती हैं। मुहावरों की पुस्तक में इसका जवाब हैः जिसका विश्वास ईश्वर पर होता है, वही खुश रहता है। जब आप ईश्वर पर विश्वास करते हैं (यानी आपके मस्तिष्क की शक्ति और बुद्धिमत्ता) और उससे अपने सभी रास्तों का नेतृत्व, मार्गदर्शन और शासित करने का आग्रह करते हैं, तब आप संतुलित, शांत, आराम से और निश्चिंत हो जाते हैं। जब आप अपने चारों ओर प्यार, शांति और सद्भावना बिखेरते हैं तो वास्तव में आप अपने जीवन के आने वाले दिनों के लिए एक इमारत बना रहे होते हैं।
खुशियां कैसे चुने –
खुशियां चुनना शुरू करें। इसे आप इस प्रकार से करें: जब आप सुबह अपनी आंखें खोलते हैं, तब स्वयं से कहें “दिव्य क्रम मेरे आज का ही नहीं, हर दिन का जिम्मा भी ले। आज दिन के मेरे सभी कार्य अच्छे हों। मेरे लिए यह एक अद्भुत दिन है। आज की तरह कभी कोई दूसरा दिन नहीं होगा। दिव्य शक्ति मेरा पूरे दिन मार्गदर्शन कर रही है, जो कुछ भी मैं करूंगा, वह फूलेगा और फलेगा। मेरे चारों ओर दिव्य प्रेम है, यह मुझे अपनी बांहों में लपेट लेता है और मैं शांति से आगे बढ़ता हूं।
जब कभी भी मेरा ध्यान उस चीज जो अच्छी और रचनात्मक है, उससे विमुख होता है, तब मैं सुंदर और अच्छी रिपोर्ट वाले को फौरन वापस ले आता हूं। मैं आध्यात्मिक हूं और मानसिक चुंबक मेरी ओर उन चीजों को आकर्षित करती है, जो मुझे आशीर्वाद देते हैं और मेरी उन्नति में सहायक हैं। आज के दिन मैं जो कुछ भी करूंगा, उसमें उत्तम तरीके से सफल रहूंगा।” अपना हर दिन इस प्रकार से शुरू कीजिए; तब आप एक खुशहाल व्यक्ति को चुन रहे होंगे।
प्रसन्न रहने की कामना करें –
प्रसन्न रहने का एक महत्व्पूर्ण बिंदु है। आपको ईमानदारी के साथ सच्चे हदय से खुश रहने की कामना करनी चाहिए। कई व्यक्ति जो काफी समय से दुःखी, नकारे हुए और परेशान हैं और वे किसी आश्चर्यजनक अच्छी और खुशी भरी खबर से अचानक बहुत खुश हो जाते हैं तो वास्तव में वे उस महिला की तरह हैं, जिसने मुझसे कहा था, “बहुत खुश होना अच्छा नहीं है!”
उन्हें अपने पुराने मानसिक तरीके की इतनी आदत हो गई है कि खुश होने पर वे सहज नहीं महसूस करते। वे पुराने परेशान और दुः:खी अवस्था की कमी को महसूस करते हैं और उसकी कामना करते हैं। लंदन में मैं एक महिला को जानता था, जिसे सालों से हड्डी का रोग था और वह कहती थी, “मेरा हड्डी का रोग आज बहुत खराब है। मैं बाहर नहीं जा सकती, मेरी यह बीमारी मुझे परेशान करती है। इस वृद्ध महिला को अपने बेटे और पड़ोसियों से बहुत ध्यान मिलता था।
उसे अपनी ‘परेशानी’ बहुत अच्छी लगती थी, ऐसा उसका कहना था। यह महिला वास्तव में खुश नहीं रहना चाहती थी। मैंने उसे उपचार का एक तरीका बताया। मैंने भगवत गीता के कुछ पद्य लिखे और उससे कहा कि यदि वह इन सच्चाइयों पर ध्यान देगी तो उसकी मानसिक प्रवृत्ति जरूर बदलेगी और यह उसके विश्वास और फिर से स्वस्थ होने के निश्चय में बदलेगा। वह उसमें इच्छुक नहीं थी। कई व्यक्तियों में इस तरह की विशिष्ट मानसिकता, निष्क्रिय आदत होती है, जिसकी वजह से वे दुःख और परेशानी का आनंद लेते हैं।
दु:ख को क्यों चुनना –
कई व्यक्ति निम्नलिखित प्रकार के विचारों को स्वीकार करके दुःख का चुनाव करते हैं: “आज काला दिवस है; आज सब कुछ गलत होगा”, “मुझे सफलता नहीं मिलेगी”, हर कोई मेरे विरोध में है” “व्यापार बुरा चल रहा है और अब यह और खराब होगा”, “मुझे हमेशा देरी होती है”, “मझे कोई मौका नहीं देता” “वह कर सकता है, मगर मैं नहीं कर सकता” आदि।
यदि सुबह सबसे पहले मन में इस तरह का विचार होगा तो आपके साथ ऐसे ही अनुभव होंगे और आप बहुत दुःखी होंगे। इस बात का अनुभव कीजिए कि जिस दुनिया में आप रहते हैं, उसका निर्णय अधिकतर वही होता है, जो आपके मन में चल रहा होता होता है। महान रोमन दार्शनिक और संन्यासी मारकस औरेलियस ने कहा था, “एक व्यक्ति की जिंदगी उसके विचार बनाते हैं।”
अमेरिका के अग्रणी दार्शनिक इमर्सन के अनुसार, “एक व्यक्ति जो कुछ वह दिन-भर सोचता है, वही बनता है।” वे विचार जिनको आप अपने स्वभाव के अनुसार अपने मस्तिष्क में सोचते हैं, उनकी आदत होती है कि वे भौतिक स्थिति में अपने को वास्तविक कर देते हैं। इस बात को सुनिश्चित करें कि आपके मन में नकारात्मक विचार, हारे हुए खराब विचार अथवा परेशानी वाले विचार न आएं। अपने मन में बार-बार दोहराएं कि आपको अपनी सोच के बाहर कुछ भी अनुभव नहीं होगा।
हम आशा करते हैं की महान ओशो द्वारा दिया गया यह प्रेरणादायक भाषण आपको पसंद आएगा और आपको उन सभी खुशियों की प्राप्ति करवाएगा जो आपके जीवन से वंचित हैं। दोस्तो कृपा कमेंट के माध्यम से जरूर बताइगा की “खुश रहना आपका अधिकार” प्रेरणादायक भाषण आपको कैसा लगा ? ताकि हम ऐसे ही ओर प्रेरणादायक आर्टिकल आपके लिए प्रकाशित करते रहें।
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