Motivational In Hindi
जीवन में आंतरिक मन को स्पर्श करने वाले बहुत से स्रोत होते हैं- कभी वह टैगोर के अद्भुत संगीत या रुमी की कलात्मक कविताओं से हो जाता है, तो कभी वास्तुशिल्प का अद्भुत दृश्य देख हमारी आंखें आश्चर्य से खुली रह जाती हैं। साधारण व्यक्तियों द्वारा प्रदर्शित असाधारण साहस, वीरता, करुणा के वृत्तांत जानकर भी हम प्रसन्न हो जाते हैं। यह सारी उपलब्धियां हमें आशा-आकांक्षाओं से भर देती हैं; और हम सोचने लगते हैं कि इन सब महान प्रयासों के पीछे कौन-सी शक्ति है? इन सबका आधार होता है- असीम आंतरिक प्रेरणा।
लोगों को प्रेरित करने वाले कारण विभिन्न एवं विपरीत प्रकार के होते हैं। कुछ लोगों के लिए बाहरी पुरस्कार उत्साहवर्धक होता है। जब बाहरी वस्तु या व्यक्ति हमारे मोटिवेशन का कारण बन जाते हैं, तो उनकी कमी होने पर हमें हमारे प्रयास नाकाम लगने लगते हैं। इसलिए जीवन के परिवर्तनशील परिस्थितियों के मध्य बाहरी मोटिवेशन अल्पकालिक होती है।

जबकि भीतर से अभिप्रेरित व्यक्ति प्रेरणादायक विचार, जीवन-मूल्य, मान्यताएं तथा लक्ष्यों को अपने अंदर ही निर्मित करता है। उनके पास ऐसी क्षमता होती है जो उनको जलती हुए उत्साह के आंतरिक स्त्रोत से जोड़ देती हैं। यही उन्हें श्रेष्ठ उपलब्धियों के लिए सदैव प्रेरित करती रहती है। भीतर से प्रेरित व्यक्ति बाहरी अस्थिर घटनाओं से तथा नकारात्मक व्यक्तियों से अप्रभावित रहते हैं। इसीलिए सदा उत्साह से भरे हुए लोग जीवन की कठिन परिस्थितियों को सुगमता से पार कर लेते हेै।
आंतरिक प्रेरणा की क्षमता को विकसित किया जा सकता है। आपरेशन ‘ब्लैक टॉरनैडो’ के दौरान असाधारण शौर्य दिखाने के लिए ‘शीर्य चक्र’ से सम्मानित एनएसजी कमांडो पी. वी. मनीष के जीवन में हमें यह बात स्पष्ट रूप से दिखती है। 26/11 मुंबई हमले में लोगों को बचाते हुए पी. वी. मनीष का सिर ग्रेनेड से बुरी तरह घायल हुआ। पुनः सामान्य जीवन में लौटना भी उनके लिए अति पीड़ादायक संघर्ष था।
उपचार के दौरान उनका अपरेशन किया गया जिसमें दो ग्रेड शेल्स को सफलता से उनके सिर से निकाल दिया गया। लेकिन, डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि यदि तीसरी शेल को निकालने का प्रयास किया तो वो कोमा में जा सकते हैं।
इस कारण, उनके शरीर का दाहिने भाग पक्षघात से ग्रसित हो गया। इस दुर्घटना में उनके कपाल के पांच इंच का भाग भी लुप्त हो गया। लेकिन मजबूत मनोबल वाले मनीष कहते हैं कि शारीरिक विकलांगता केवल देखने वालों की एक विचार मात्र ही है। उन्हीं के स्वर्णम शन्दों में, ‘जब मैं यह सोचता हूं कि मैंने अपने देश के लिए जो किया है तो मुझे कोई विकलांगता का अनुभव नहीं होता।’
ऐसे वीर कृत्यों को क्या प्रेरित करता है, जहां एक व्यक्ति अपरिचित दूसरों को बचाने के लिए अपने जीवन सहित, सब कुछ दांव पर लगा देता है? ऐसी साहसी प्रवृत्तियों की प्रेरणा मिलती है जब हम अपने स्वार्थ से परे, एक उच्च उद्देश्य के साथ अपनी पहचान बना लेते हैं। यह हमारे अंदर एक ऐसी प्रेरणा को अंकुरित करता है जिससे हम जानलेवा बाधाओं को भी पारकर, अपनी चरम क्षमता को प्रकट करते हैं।
अत: सुबह के समय जीवन की अच्छाइयों के बारे में सोचें जिंदगी में जो अच्छा बीता, जो अच्छा हो सकता है। अगर अच्छा सोचेंगे नहीं, अच्छे वाक़िओं को दोहराएंगे नहीं तो वे नेमतें, अच्छी बातें चुपचाप खामोशी से निकल जाएंगी। और पीछे ध्यान में रहेंगी वो चीजें, जिनकी वजह से आप चिंतित रहते हैं। जिंदगी में योजना बनाकर अच्छाइयों को ढूंढने का नियम बनाएं।
दोस्तों यह दर्शाता है कि बाहरी मोटिवेशन की तुलना में भीतरी मोटिवेशन कितना अधिक विश्वसनीय है। अगर हमने इस भीतरी मोटिवेशन को जागृत करना सीख लिया तो हमें अपने अंदर विद्यमान ऊर्जा क अक्षय भंडार-अत्यंत सुलभता से प्राप्त हो जाएगा। इसीलिए, आंतरिक प्रेरणा से जुड़ा विज्ञान समझना बहुत ही महत्तपूर्ण है।
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