Krishna Quotes In Hindi – एक बगीचे में बहुत सारे फूलों की खुशबू आ रही है और दूर बैठा आदमी हवा के गुणगान कर रहा है कितनी बढ़िया हवा है, कितनी सुगंध भरी है। कुछ दूरी पर एक दूसरा आदमी बैठा है। उधर कुड़े का ढेर है। वह आदमी तिलमिला रहा है। कह रहा है कितनी दुर्गन्ध है। बदू आ रही है, जी घबरा रहा है। हवा के साथ सुगंध भी आ रही है, दुर्गंध भी आ रही है। वस्तुतः न हवा के साथ सुगंध है और न हवा के साथ दुर्न्धि। एक आदमी बैठा है।
मन में बहुत अच्छे-अच्छे विचार आ रहे हैं। वह मन ही मन प्रसत्र। हो रहा है कि आज कैसा अच्छा दिन उगा। शाम के समय वही आदमी बैठा है। बुरे विचार आने शुरू हो गए। विचार न अच्छा है, न बुरा। विचार तो पवन है, हवा है। हवा का काम होता है पहुंचा देना विचार का काम है पहुंचा देना। विचार सूचक है। हमें सूचना देता है वह। भीतर में अगर अच्छाई चल रही है तो वह अच्छाई की सूचना दे रहा है। भीतर में बुराई चल रही है तो वह बुराई की सूचना दे रहा है।
आन्तरिक व्यक्तित्व को जानना है तो उसका बहुत अच्छा माध्यम है विचार। जैसा विचार आए, समझना चाहिए कि हमारा आन्तरिक व्यक्तित्व भी वैसा है। विचार पकड़ने से ही समस्या का समाधान नहीं होगा। आचार्यों ने इस सच्वाई को बहुत पहले समझ लिया था। इसलिए उन्होंने कहा- ‘विचार पर ज्यादा बोझ मत लादो, कुछ मिलेगा नहीं। प्याज के छिलके उतारते चले जाओ, कुछ बचेगा नहीं।’ विचार को कैसे बदल सकते हैं? क्योंकि हम पहले ही कह चुके हैं कि विचार भीतर से आ रहा है। हा की गंध को कैसे बदला जा सकता है ?
इस स्थिति में हम विचार को कैसे बदलें? विचार को बदलना है, इसका तात्पर्य है भाव का परिवर्तन करना है, भाव को बदलना है। मूल है भाव, भाव में सुगंध भी है, दुर्न् भी है। यदि भास सुंधित हैं तो उनका आगे विकास करना है। यदि उनमें कोई दुर्गंध है तो उनका परिष्कार करना है। आचार्यों ने इसके लिए जो मार्ग सुझाया है, वह है सत्य की खोज। सत्य की खोज से ही यह काम किया जा सकता है। सत्य की खोज के बिना भाव नहीं बदले जा सकते और भावों को बदले बिना विचारों को बदला नहीं जा सकता। इसलिए सत्य की खोज जरूरी है।
यदि आप भी सत्य की खोज में अपने विचार बदलना चाहते हैं तो एक बार श्री कृष्ण द्वारा बोले गए इन अनमोल सुविचार ओं को जरूर पढ़ें-
Best 30+ Krishna Quotes In Hindi
1. दो लोगों का होना बहुत जरूरी है जिंदगी में ,
एक कृष्ण जो बिना लडे़ जीत पक्की कर दे,
दुसरा कर्ण जो हार सामने देखर भी साथ ना छोड़े।
2. तू वही करता हैं, जो तू चाहता हैं,
होता वही है जो मैं चाहता हूँ, तू वही कर जो
मैं चाहता हुँ, फिर होगा वही, जो तू चाहता हैं।
3. मृत्यु उतनी ही निश्वित है जन्म लेने वाले के लिए,
जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना,
इसलिए जो निश्चित है उस पर शोक मत करिए।
4. मैं किसी के भाग्य का निर्माण नहीं करता और
ना ही किसी के कर्मो के फल देता हूँ।
5. मनुष्य का चाहे कोई भी रंग क्यों ना हो किंतु
उसकी छाया सदैव काली होती है,
“खुद को श्रेष्ठ कहना” यह आत्मविश्वास है किंतु
‘केवल मैं ही श्रेष्ठ हुँ” यह अहंकार है।
6. पूछा राधा ने कृष्ण से प्यार का असली मतलब क्या होता है?
कृष्णा ने हँस कर जवाब दिया,
जहाँ मतलब होता है वहाँ प्यार ही कहा होता है।
7. प्रेम एक ऐसा अनुभव है, जो मनुष्य को कभी परास्त नहीं होने देता
और घृणा एक ऐसा अनुभव है, जो मनुष्प को कभी जितने नहीं देता।
8. झुकना ही पड़ता हैं उठाने के लिए हर कीमती चीज को,
माँ और पिता का आशीर्वाद भी, इनमें से एक हैं।
9. अगर व्यक्ति शिक्षा से पहले संस्कार,
व्यापार से पहले व्यवहार और
भगवान से पहले माता-पिता को पहचान ले तो,
जिंदगी में कभी कोई कठिनाई नहीं आएगी।
10. कितनी भी कोशिश कर लो स्वार्थ से रिश्ते बनाने की, नहीं बनते वो कभी,
और कोशिश कर लो कितना भी प्रेम से बने
रिश्तों को तोड़ने की, वो कभी नहीं टूटते।
11. अच्छे बन जाओ एक बार माफ़ करके, लेकिन
दुबारा उसी इंसान पर भरोसा करके बेवकूफ कभी मत बनना।
12. घमंड मत करना कभी भी स्वयं पर, क्युंकि
भारी होकर पत्थर भी पानी में अपना वजूद खो देता है।
13. किसी को कुछ देकर कभी अहंकार मत करना,
क्या पता – तुम दे रहे हो या अपने पिछले जन्म का कर्जा चुका रहे हो।
14. खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ेगा जिंदगी के इस रण में,
जीवन की महाभारत को प्रतिदिन खुद का ही सारथी बनकर लड़ना पड़ता है।
15. मनुष्य को जब खुद के धर्म पर घमंड हो जाता है,
तब उसके हाथों से अधर्म होने लगता है।
16. परीक्षा बहुत लेता है कृष्ण अच्छे लोगों की, परंतु साथ नही छोड़ता
और देता बहुतु कुछ है बुरे लोगों को कृष्ण परंतु साथ नहीं देता।
17. मनुष्य का निर्माण उसके विश्वास से होता है,
मनुष्य जैसा विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।
18. मन को नियांत्रित करना कठिन है क्युंकि यह अशांत है,
किंतु प्रतिदिन के अभ्यास से इसे काबू में किया जा सकता है।
19. प्रेम में कोई वियोग नहीं होता,
प्रेम ही अंतिम योग है, अंतिम मिलन है।
20. ज्ञान और कर्म को ज्ञानी व्यक्ति एक रूप में देखता है,
वही सही मायने में देखता है।
21. क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन निश्चित हो जाता है।
22. “मन अशांत हैं और उसे नियत्रित करना कठिन हैं,
लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता हैं।”
23. अपना लक्ष्य पाने में यदि आप नाकामयाब होते है तो
अपनी रणनीति बदल लो, लक्ष्य नहीं।
24. अपने अनिवार्य काम करों, क्योंकि
वास्तव में काम करना निष्कृयता से बेहतर है।
25. सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसंता ना इस लोक में है
ना ही कहीं ओर।
26. आलोचना किए बिना जो मनुष्य,
श्रद्धापूर्वक सदा मेरे उपदेश का पालन करेगा,
वह मनुष्य कर्मों के बंधन से हमेशा मुक्त हो जाएगा।
27. जिन्हें मधुर संगीतमयी वाणी वेद से प्रेम है,
उनके लिए वेदों का भोग ही सब कुछ है।
28. सम्मानित व्यक्ति के लिए
अपमान मृत्यु से भी बढ़कर है।
29. न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो,
यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से मिलकर बना है और
इसी में मिल जायेगा परन्तु आत्मा स्थिर है – फिर तुम क्या हो?
30. बड़े शोक की बात है कि
हम लोग बड़ा भारी पाप करने का निश्वय कर बैठते हैं
तथा राज्य और सुख के लोभ से अपने
स्वजनों का नाश करने को तैयार हैं।
31. आत्मा ना कभी जन्म लेती है और ना मरती है,
शरीर का नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता।
हम आशा करते हैं कि भगवान श्री कृष्ण के 30+ अनमोल सुविचार आपको पसंद आए होंगे। जिससे आपको प्रेरणा मिलेगीं। दोस्तो कृपा कमेंट के माध्यम से जरूर बताइगा की Krishna Quotes In Hindi आपको कैसे लगे ? ताकि ऐसे ही ओर कोट्स हम आपके लिए प्रकाशित करते रहे।
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