पतझड़ । हिन्दी कहानी । Patjhad Story in Hindi
Patjhad Story in Hindi – कभी कभार जब भी मेरा गांव आना होता तो मां के साथ खेत की तरफ निकल पड़ती। प्रकृति के संध्या में मैं बहुत-ही जीवंत महसूस करती। मां के साथ बातों-बातों में खेत की सारी पगडंडियां नाप जाती।